भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं | Types of Bank Loans in India

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भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं | Types Of Bank Loans In India – लोगों को दैनिक जीवन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण वस्तुओं को क्रय विक्रय करना होता है। यदि किसी चीज को खरीदना हो तो उसके लिए आपको पैसे की जरूरत होती है अथवा आपको अपना बिजनेस बढ़ाना हो तो भी पैसों की जरूरत होती है ऐसी स्थिति में आप यह पैसे किसी फाइनेंस कंपनी से अथवा बैंक से लेते हैं इसे लोन या कर्ज कहा जाता है। इसके बदले में कस्टमर को बैंक को ईएमआई के दौर पर ब्याज के साथ लोन की पूरी राशि को जमा करवाना होता है।

कि भारत में बैंक लोन कितने प्रकार के होते हैं? भारत में लोन किस प्रकार लिया जाता है और यह कितने समय में चुकाना होता है? भारत में बैंक लोन अथवा लोन किस प्रकार लिया जाता है? भारत में लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या है? भारत में लोन को कितना होगा लोन की ब्याज दर क्या होगी? लोन की ईएमआई दर क्या होगी?
भारत में लोन कितने प्रकार के होते हैं?

आज की इस पोस्ट में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि भारत में बैंक लोन कितने प्रकार के होते हैं? भारत में लोन किस प्रकार लिया जाता है और यह कितने समय में चुकाना होता है? भारत में बैंक लोन अथवा लोन किस प्रकार लिया जाता है? भारत में लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या है? भारत में लोन को कितना होगा लोन की ब्याज दर क्या होगी? लोन की ईएमआई दर क्या होगी? इत्यादि सभी के बारे में इस पोस्ट में विस्तृत बताया गया है. इसलिए आप इसको पूरा जरूर पढ़ें। हम आपके हर संभव मदद की कोशिश करेंगे। आपको यदि यह पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें।

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समय के हिसाब से लोन तीन प्रकार के होते हैं?

  • अल्पकालिक लोन (शॉर्ट टर्म लोन) – यह लोन अत्यल्प समय के लिए लिया जाता है यह लगभग 1 साल या इससे कम समय के लिए लिया जाता है।
  • मध्यकालीन लोन (मीडियम टर्म लोन) – यह लोन एवरेज समय के लिए लिया जाता है यह लगभग 1 साल से 3 साल के बीच के समय के लिए लिया जाता है।
  • दीर्घकालीन लोन (लॉन्ग टर्म लोन) – यह लोन लंबी अवधि के लिए लिया जाता है इसमें लगभग समय 5 वर्ष या उससे अधिक होता है।

भारत में बैंकें कितने प्रकार के लोन देती हैं?

बहुत सारे लोग बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के लोन से भ्रमित है कि लोन कितने प्रकार के लोन कैसे मिलेंगे। यह सभी नाम अलग-अलग का रूप में होने के कारण काफी कठिनाई पैदा कर देते हैं यहां हम भारतीय बैंकों द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न लोन के बारे में एक-एक करके विस्तृत तरीके से बताएंगे जो निम्न प्रकार है:-

बिजनेस लोन (Business Loan)

इस प्रकार का लोन लोगों को उनके बिजनेस में कुछ खरीदारी करने व्यवसाय के विस्तार विकास ऋण या किसी भी प्रकार के कमर्शियल इन्वेस्टमेंट सहित छोटी मोटी और स्टार्टअप व्यवसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दिया जाता है। बिजनेस लोन आमतौर पर प्रमुख वाणिज्यिक ऋण नेताओं द्वारा अत्यधिक प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर उपलब्ध होते हैं वे लोग इसी अवधि के आधार पर परिवर्तनीय दर के साथ बिजनेस लोन उपलब्ध करवाते हैं। इसलिए यह लोन सामान्य लोग के लिए काफी महंगा पड़ जाता है और इसकी वापस करने में कठिनाई होती है।

होम लोन (Home Loan)

इस प्रकार का लोन घर खरीदने या बनाने के लिए अधिकतर लोग लेते हैं होम लोन की ब्याज दर अन्य लोन की तुलना में कम होती है होम लोन के भुगतान पर आपको आयकर में भी फायदा होता है इसमें होम लोन देने वाली कंपनी द्वारा प्रॉपर्टी सिक्योरिटी के तौर पर ली जाती है। यह प्रॉपर्टी कमर्शियल या पर्सनल हो सकती हैं अगर लोन लेने वाला व्यक्ति बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाता है तो लैंडर को प्रॉपर्टी की बिक्री से बकाया लोन राशि को प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होता है। बैंक घर बनाने के कुल खर्च का 75% से 85% तक का होम लोन देता है बाकी पैसों को कस्टमर को खुद के आधार पर व्यवस्था करनी होती है। अधिकतर बैंकों अथवा फाइनेंस कंपनियों में होम लोन ईएमआई पर चुकाने का समय 5 साल से लेकर 20 साल तक का होता है।

पर्सनल लोन (Personal Loan)

इस प्रकार का लोन व्यक्ति अपने खुद के कार्य अथवा खुद के निजी काम के लिए लेता है। वैसे देखें तो हर व्यक्ति अपने लिए ही लोन लेता है लेकिन पर्सनल लोन का मतलब होता है कि व्यक्ति अपने पर्सनल कामों के लिए लोन ले लेता है जैसे कि बच्चे की स्कूल की फीस जमा करवाना कोई महंगी गिफ्ट खरीदना घर का कुछ सामान लाना इत्यादि रोजमर्रा की जरूरत के लिए किया गया लोन पर्सनल लोन होता है। पर्सनल लोन बहुत सी कंपनियां अथवा बैंक देती है और उनका अलग-अलग ब्याज दर के आधार पर लोन लेने का सिस्टम होता है। पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन की तुलना में काफी अधिक है पर्सनल लोन के लिए बैंक आपसे ज्यादा डॉक्यूमेंट नहीं मांगती है बस आपको अपनी सैलरी स्लिप दिखाकर लोन दे दिया जाता है।

गोल्ड लोन (Gold Loan)

इस प्रकार का लोन आप किसी बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी के लॉकर में अपना गोल्ड रखकर लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह के लोन में राशि आपके द्वारा जमा किए गए गोल की क्वालिटी और उसकी वैल्यू के आधार पर ही स्वीकृत की जाती है। वैसे देखे तो बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी आपको गोल्ड की कीमत के 80% तक की रकम स्वीकृत करती है। गोल्ड लोन पर लगने वाला ब्याज पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम होता है गोल्ड लोन लोग इमरजेंसी की स्थिति में लेते हैं।

प्रॉपर्टी लोन (Property Loan)

प्रॉपर्टी लोन वह लोन होता है जिसमें बैंक आपके प्रॉपर्टी के कागजात के आधार पर आपको लोन देता है। प्रॉपर्टी लोन आपको लगभग 10 से 15 साल के लिए मिल जाता है इसमें आपको आमतौर पर आप की प्रॉपर्टी की कीमत का 50% तक का लोन मिल जाता है।

एजुकेशन लोन (Education Loan)

इस प्रकार का लोन कस्टमर को आगे की पढ़ाई के लिए दिया जाता है हर किसी छात्र के बस की बात नहीं होती है कि वह अपनी मनपसंद के स्टेट्यूट में पढ़ाई कर सकें। क्योंकि मनपसंद की अच्छी संस्था में फीस भी काफी उच्च होती है इसलिए उन छात्रों का प्रवेश है हो पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उनको एजुकेशन लोन की जरूरत होती है। यह लोन बैंक उस स्टूडेंट को देती है जिसे वापस करने की क्षमता रखते हैं स्टूडेंट की क्षमता को जाने के लिए बैंक दो तरह के कार्य करती है या तो स्टूडेंट के परिवार के किसी सदस्य की इनकम को देखा जाता है या लोन देने वाले स्टूडेंट किस यूनिवर्सिटी में जा रहे हैं उसका परफॉर्मेंस कैसा है यह देखा जाता है। पूरी पढ़ाई होने के बाद स्टूडेंट लोन का पेमेंट कर सकता है एजुकेशन लोन में एक गारंटर की जरूरत होती है उसी की गारंटी के आधार पर ही आपको लोन दिया जाता है।

वाहन या कार लोन (Car Loan)

जब आप कोई वाहन खरीदना चाहते हैं और आपके पास पर्याप्त पैसे नहीं है तो आप ऐसी स्थिति में बैंक से लोन लेते हैं तो उस लोन को वाहन अथवा कार लोन कहते हैं। वाहन अथवा कार लोन में जब तक आप पूरी लोन की रकम बैंक को वापस नहीं करते हैं तब तक कार का मालिकाना हक बैंक के पास होता है।

इंश्योरेंस पॉलिसी से लोन

यदि आपने पारस्परिक जीवन बीमा प्लान लिया है तो आप उस पॉलिसी के साथ से लोन भी ले सकते हैं यह लोन आपको टर्म प्लान पर नहीं मिलेगा। केवल ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान पर ही मिलेगा क्योंकि आप अपनी पॉलिसी से ही दवाई ले रहे हैं इसलिए आपको लोन आसानी से मिल जाना चाहिए।

लोन अगेंस्ट सिक्योरिटी

सिक्योरिटी के बदले मिलने वाला लोनइस प्रकार के लोन में बैंक आफ ए सिक्योरिटी पेपर अपने पास रख लेता है और उसके बदले में आपको लोन उपलब्ध करवाता है। यहां जानते हैं कि सिक्योरिटी पेपर क्या होता है? यदि आपने मुसल एंड डिमैरिट्स एयर इंश्योरेंस स्कीम बॉन्ड में पहले से इन्वेस्ट किया है तो यही आपके लिए सिक्योरिटी पेपर है इसके बदले में आपको बैंक लोन देता है इन पेपर के वैल्यू होते हैं आप यदि लोन चुकाने में असमर्थ है तो बैंक आपके सिक्योरिटी पेपर को जब्त कर लेता है और बाजार में बेच देता है।

कॉरपोरेट लोन

जब बैंक किसी बड़ी हस्ती को मन के व्यवसाय के लिए लोन उपलब्ध करवाती है तो उसे कॉरपोरेट लोन कहा जाता है। अभी के नियम के अनुसार बैंक अपनी और कैपिटल का 55% तक किसी एक बड़ी कंपनी को लोन दे सकता है हाल ही में डिफॉल्टर घोटालों को देखते हुए आरबीआई ने नया नियम निकाला है कि केवल बैंक अपनी और कैपिटल का 20% तक लोन दे सकते हैं जिससे कि ज्यादा जोखिम ना हो और जोखिम से बचा जाए।

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आज की इस पोस्ट में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि भारत में बैंक लोन कितने प्रकार के होते हैं? भारत में लोन किस प्रकार लिया जाता है और यह कितने समय में चुकाना होता है? भारत में बैंक लोन अथवा लोन किस प्रकार लिया जाता है? भारत में लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या है? भारत में लोन को कितना होगा लोन की ब्याज दर क्या होगी? लोन की ईएमआई दर क्या होगी? इत्यादि सभी के बारे में इस पोस्ट में विस्तृत बताया गया है. इसलिए आप इसको पूरा जरूर पढ़ें। हम आपके हर संभव मदद की कोशिश करेंगे। आपको यदि यह पोस्ट पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें।

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